MCQ Questions for Class 7 Hindi Grammar अपठित गद्यांश with Answers

गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न

(1)

जब कोई वीर पुरुष किसी को क्षमा करता है तो वह सुनने और देखने में अच्छा लगता है। लेकिन जब कोई कायर और कमजोर व्यक्ति किसी को क्षमा करने की बात करता है, तो यह उपहास की बात हो जाती है। यदि हम अपने को बड़ा मानते हैं, हम बलशाली और विद्वान हैं, हम बड़े प्रबुद्ध हैं, तो फिर यही क्षमा हमारे जीवन का अलंकार बन जाता है। शिक्षक बच्चों को पढाते हैं, बच्चों का काम होता है-भूल करना। यदि शिक्षक उनकी भूलों को क्षमा कर देते हैं तो यहाँ शिक्षक की गरिमा बढ़ती है, मर्यादा बढ़ती है। इससे उनको सपि का परिचय मिलता है. लेकिन यदि बच्चों को उनकी किसी प्रकार की छोटी-मोटी भूलों के लिए सजा दी जाए, उन्हें पीटा जाए, डॉटा-फटकारा जाए, उन्हें नीचा दिखाने का प्रयास किया जाए तो उस व्यक्ति या शिक्षक को हम क्षमाशील नहीं कह सकते। ऐसा करना हमारी भूल ही होगी।
यह हमारी कौन-सी महानता होगी कि किसी ने कुछ भूल कर दी और हमने उसके बदले उसे दो हाथ लगा दिए। मनुष्य के समान कोई दूसरा आत्मघाती जीव इस संसार में खोजना मुश्किल है। इस संसार में सिर्फ मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है, जो सिर्फ अपना ही नुकसान करने के पीछे पड़ा रहता है। इसके सिवा संसार में ऐसा और कोई दूसरा जीव नहीं है, जो अपना नुकसान करने की ताक में लगा रहता हो। हम जो भूल करते चले जा रहे हैं, उससे हमारे ही शरीर का क्षय होता है, हमारा ही शरीर टूटता है, विकृत होता जा रहा है। फिर भी मनुष्य गलती पर गलती करता चला जा रहा है।

Question 1.
कायर और कमजोर व्यक्ति का कौन-सा कार्य उपहास का कारण बन जाता है?
(a) दूसरों का उपहास करना
(b) दूसरों की सेवा करना
(c) किसी को क्षमा करना
(d) डटकर मुकाबला करना

Answer

Answer: (c) किसी को क्षमा करना


Question 2.
क्षमा हमारे जीवन का अलंकार कब बनती है?
(a) जब हम किसी को क्षमा करते हैं।
(b) बलवान्, विद्वान और प्रबुद्ध होने पर भी दूसरों को क्षमा करना।
(c) जब हम बढ़ा-चढ़ाकर बात करते हैं।
(d) जब हम पूरी तरह कमज़ोर हों।

Answer

Answer: (b) बलवान्, विद्वान और प्रबुद्ध होने पर भी दूसरों को क्षमा करना।


Question 3.
शिक्षक की गरिमा और मर्यादा कब बढ़ती है?
(a) जब वह छात्रों को दण्ड देता है।
(b) जब वह शिक्षक के काप को केवल नौकरी समझता है।
(c) जब शिक्षक छात्रों की भूलों को क्षमा कर देता है।
(d) जब वह छात्रों की बात को अनसुनी करता है।

Answer

Answer: (c) जब शिक्षक छात्रों की भूलों को क्षमा कर देता है।


Question 4.
मनुष्य को आत्मघाती जीव क्यों कहा जाता है?
(a) मनुष्य सभी का हित चाहता है।
(b) मनुष्य के समान हितकारी कोई नहीं है।
(c) मनुष्य केवल अपना हित करता है।
(d) मनुष्य हमेशा अपना नुकसान करने को तत्पर रहता है।

Answer

Answer: (d) मनुष्य हमेशा अपना नुकसान करने को तत्पर रहता है।


Question 5.
‘गरिमा’ का विशेषण बनाइए।
(a) गौरव
(b) लघिमा
(c) गुरु, गरिमामय
(d) गरिमा बाला

Answer

Answer: (c) गुरु, गरिमामय।


(2)

लोग चाहते हैं कि सरकार उनकी भलाई के लिए कार्य करती रहे और वे स्वयं कुछ न करें। गाँधी जी के सिद्धांतों पर चलने की अपेक्षा भी अधिकतर लोग दूसरों से ही कहते हैं जबकि स्वयं उन पर चलना नहीं चाहते। गाँधी जी किसी गरीब को भोजन देने के बजाए उसके लिए काम उपलब्ध कराने की बात करते थे। वे खैरात बाँटने का खुला विरोध करते थे। उनका कहना था-भगवान हमारा नौकर नहीं है, जो हमारे काम कर जाए। काम तो हमें ही करना पडेगा। सच है कि हम गाँधी जी के बताये रास्ते से हट गए हैं। हम चाहते हैं कि हमारा काम सरकार करे या कोई और करे। अपने अधिकार हमें याद हैं, परंतु समाज और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को हम भूल गए हैं। हम अकर्मण्यता के दलदल में धंसते जा रहे हैं। कर्म संस्कृति की सोच हमने क्षीण कर दी है। भ्रष्टाचार का विरोध करने के बजाए हम अपनी सुविधा देखते हैं। सड़क पर यातायात का पहले हम उल्लघंन करते हैं और पकड़े जाने पर जुर्माना देने के बजाए कम रकम में पुलिस से समझौते की फिराक में रहते हैं और इसके बाद पुलिस को भ्रष्ट बताते हैं। गम्भीरता से सोचें, तो जहाँ भी हमें घूस देनी पड़ रही है, वहाँ कुछ न कुछ हमारे आचार-व्यवहार में कमी अवश्य होती है। जहाँ कमी नहीं होती, वहाँ घूस इसलिए देनी पड़ती है, क्योंकि भेड़िए के मुँह में खून लग चुका होता है। गाँधी की राह पर अंश भर चलकर तो देखें, चारों ओर खुशहाली ही होगी।

Question 1.
लोग क्या चाहते हैं?
(a) सरकार कुछ न करे।
(b) वे खुद सब कुछ करे।
(c) सरकार उनका भला करती रहे, वे कुछ न करें।
(d) लोग कुछ भी नहीं चाहते।

Answer

Answer: (c) सरकार उनका भला करती रहे, वे कुछ न करें।


Question 2.
गाँधी जी के सिद्धान्तों की स्थिति क्या है?
(a) लोग गाँधी जी के सिद्धान्तों पर चलते हैं।
(b) लोग चाहते हैं कि दूसरे गाँधी के सिद्धान्तों पर चलें।
(c) लोग गरीबों को काम दिलाते हैं।
(d) लोग गाँधी जी की तरह गरीबों को भोजन देते हैं।

Answer

Answer: (b) लोग चाहते हैं कि दूसरे गाँधी के सिद्धांतों पर चलें।


Question 3.
गाँधी जी किस बात का विरोध करते थे?
(a) खैरात बाँटने का
(b) सहयोग करने का
(c) आन्दोलन करने का
(d) प्रार्थना करने का

Answer

Answer: (a) खैरात बाँटने का।


Question 4.
……….हम अपनी सुविधा देखते हैं। (सही कथन से वाक्य पूरा कीजिए।)
(a) दूसरों की सुविधा देखकर फिर…
(b) भ्रष्टाचार का विरोध करने के बजाय
(c) यातायात के नियमों का पालन करके
(d) पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर

Answer

Answer: (b) भ्रष्टाचार का विरोध करने के बजाय।


Question 5.
‘उल्लघंन’ शब्द का सही सन्धि-विच्छेद छाँटकर लिखिए।
(a) उल्लं + घन
(b) उल् + लंघन
(c) उ + लंघन
(d) उत् + लंघन

Answer

Answer: (d) उत् + लंघन।


(3)

सत्साहसी व्यक्ति में एक गुप्त शक्ति रहती है, जिसके बल से वह दूसरे मनुष्य को दु:ख से बचाने के लिए प्राण तक देने को प्रस्तुत हो जाता है। धर्म, देश, जाति और परिवार वालों के ही लिए नहीं, किन्तु संकट में पड़े हुए अपरिचित व्यक्ति के सहायतार्थ भी उसी शक्ति की प्रेरणा से वह हमारे संकटों का सामना करने को तैयार हो जाता है। अपने प्राणों की वह लेशमात्र भी परवाह नहीं करता। हर प्रकार के क्लेशों को प्रसन्नतापूर्वक सहता और स्वार्थ के विचारों को वह फटकने तक नहीं देता।
सत्साहस के लिए अवसर की राह देखने की आवश्यकता नहीं, क्योंकि सत्साहस दिखाने का अवसर प्रत्येक मनुष्य के जीवन में पल-पल में आया करता है। देश, काल और कर्त्तव्य का विचार करना चाहिए और स्वार्थरहित होकर साहस न छोड़ते हुए कर्त्तव्य-परायण बनने का प्रयत्न करना चाहिए।

Question 1.
सत्साहसी व्यक्ति के पास कौन-सी शक्ति रहती है? (सही उत्तर का चयन कीजिए)
(a) दैवी शक्ति
(b) धन की शक्ति
(c) गुप्त शक्ति
(d) शारीरिक शक्ति

Answer

Answer: (c) गुप्त शक्ति।


Question 2.
सत्साहसी व्यक्ति इनका मुकाबला करने को तैयार हो जाता है
(a) संकटों का
(b) विरोधियों का
(c) कमज़ोर व्यक्तियों का
(d) सबका

Answer

Answer: (a) संकटों का।


Question 3.
…….सत्साहसी व्यक्ति के पास नहीं फटकते। (सही कथन का चयन कीजिए)
(a) प्रसन्नता के विचार
(b) क्लेश के विचार
(c) सहायता के विचार
(d) सहयोग के विचार

Answer

Answer: (b) क्लेश के विचार।


Question 4.
सत्साहस दिखाने का अवसर कब आता है?
(a) कभी-कभी आता है
(b) कभी नहीं आता है
(c) केवल एक बार आता है
(d) पल-पल में आया करता है

Answer

Answer: (d) पल-पल में आया करता है।


Question 5.
उपर्युक्त अवतरण का उचित शीर्षक बताइए।
(a) परोपकार
(b) अवसर
(c) सत्साहस
(d) संकटों का सामना

Answer

Answer: (c) सत्साहस।


(4)

राजस्थान की धरती पर हुई यह जलक्रांति एक-दो नहीं करीब पन्द्रह सालों के कड़े संघर्ष और समाज की अथक मेहनत का नतीजा है। इस जलक्रांति को संभव बनाने में केंद्रीय भूमिका रही राजेन्द्र सिंह की। इनके प्रयासों की सुन्दर और अनूठी मिसाल हैं वे पाँच नदियाँ; जो दो दशक पहले सूख गई थीं, पर अब सदानीरा हो गई हैं। पारम्परिक तरीके से जल-प्रबन्धन का अद्भुत उदाहरण पेश करती इन नदियों ने कितने ही गाँवों की तस्वीर बदलकर रख दी है। अखरी, रुपारेल, सरसा, भगाणी और जहाज वाली नदी में फिर से बहता पानी इन गाँव के लोगों के जुझारू चरित्र का अद्भुत प्रमाण है। अलवर जिले में अपनी मेहनत से सूखी नदियों को फिर से पानीदार बनाने वाले गाँव के मेहनतकश लोगों ने इन्हें अपनी सम्पत्ति मान लिया है।

Question 1.
इस जल क्रांति को संभव बनाने में …….रही राजेन्द्र प्रसाद सिंह की। (वाक्य पूरा करो।)
(a) साधारण भूमिका
(b) केन्द्रीय भूमिका
(c) सहयोगी भूमिका
(d) विरोध करने की भूमिका

Answer

Answer: (b) केन्द्रीय भूमिका।


Question 2.
‘सदानीरा’ का अर्थ है
(a) सूखी हुई नदी।
(b) जिस नदी में कभी-कभी पानी आए।
(c) जिस नदी में कभी-कभी पानी न आए।
(d) वह नदी, जिसमें सदा पानी बहता हो।

Answer

Answer: (d) वह नदी जिसमें सदा पानी बहता हो।


Question 3.
नदी में फिर से बहता पानी गाँव वालों के किस प्रकार के चरित्र को दर्शाता है?
(a) जुझारू
(b) आराम करने वाला
(c) दूसरों के काम को रोकने वाला
(d) तटस्थ रहने वाला

Answer

Answer: (a) जुझारू
जुझारू चरित्र।


Question 4.
निम्नलिखित शब्दों में से कौन-सा शब्द प्रत्यय वाला नहीं है?
(a) मेहनतकश
(b) पानीदार
(c) पारम्परिक
(d) प्रयास

Answer

Answer: (d) प्रयास।


Question 5.
निम्नलिखित में से संख्यावाचक विशेषण छाँटकर लिखिए
(a) अथक मेहनत
(b) बहता पानी
(c) पन्द्रह सालों
(d) मेहनतकश लोग

Answer

Answer: (c) पन्द्रह सालों
‘पन्द्रस सालों’ (इसमें पन्द्रह संख्यावाचक विशेषण है।)


(5)

सदाचारी व्यक्ति अपने काम से बड़े बनते हैं। दुराचारी व्यक्ति दूसरों के काम में बाधाएँ उत्पन्न करके बड़प्पन बटोरना चाहते हैं। लेकिन एक न एक दिन उनकी कलई खुल जाती है। उनके अनुचित कार्य उनको कहीं का नहीं छोड़ते। इतना होने पर भी वे बेशर्म होकर अच्छे लोगों की बुराई करने में अपना समय बर्बाद करते रहते हैं। किसी की प्रशंसा सुनना उनके कानों को अच्छा नहीं लगता। इतने ही परिश्रम से यदि वे अच्छे कार्य करें, तो वे भी अच्छे आदमी बन सकते हैं, सम्मान पा सकते हैं। परन्तु वे अपनी आदत से मजबूर हैं, उनके मन की कुटिलता उन्हें अच्छे काम करने से रोकती है।
सदाचारी व्यक्ति अच्छे काम करके चैन की नींद सोता है और सुखी रहता है। दुराचारी व्यक्ति बुरे काम करके अपना सुख-चैन नष्ट करता है, अपने मन को बीमार करता है। मन की बीमारी कुछ दिनों में शरीर की भी बीमारी बन जाती है।

Question 1.
दुराचारी व्यक्ति किस प्रकार बड़प्पन बटोरना चाहते हैं? (सही विकल्प छाँटिए।)
(a) अच्छे काम करके
(b) दूसरों की प्रशंसा करके
(c) दूसरों के काम में बाधाएँ उत्पन्न करके
(d) दूसरों के काम में सहयोग करके

Answer

Answer: (c) दूसरों के काम में बाधाएँ उत्पन्न करके।


Question 2.
…..दुराचारी व्यक्तियों के कानों को अच्छा नहीं लगता। (वाक्य पूरा कीजिए।)
(a) बुरा काम करना
(b) किसी की प्रशंसा सुनना
(c) संगीत सुनना
(d) किसी के घर जाना

Answer

Answer: (b) किसी भी प्रशंसा सुनना।


Question 3.
दुराचारी व्यक्ति अच्छे काम नहीं कर सकते, क्योंकि, ……। (सही कथन से वाक्य पूरा कीजिए।)
(a) मन की कुटिलता उन्हें अच्छे काम करने से रोकती है।
(b) उन्हें लोग कुछ करने नहीं देते हैं।
(c) वे किसी का साथ नहीं देते हैं।
(d) वे सबको सम्मान देते हैं।

Answer

Answer: (a) मन की कुटिलता उन्हें अच्छे काम करने से रोकती है।


Question 4.
मन की बीमारी कुछ दिनों में किसकी बीमारी बन जाती है?
(a) समाज की
(b) परिवार की
(c) राज्य की
(d) शरीर की

Answer

Answer: (d) शरीर।


Question 5.
“कलई खुलना’ मुहावरे का अर्थ है
(a) कलई उतरना
(b) असलियत का पता चलना
(c) भेद प्रकट न करना
(d) चमकना

Answer

Answer: (b) असलियत का पता चलना
असलियत प्रकट होना।


(6)

निराश व्यक्ति न किसी की बात समझता है और न किसी को अपनी बात समझा पाता है। तनिक-सी असफलता मिली कि मन हार कर बैठ गए। सारी दुनिया अँधेरे से घिरी दिखाई देने लगी। काम शुरू किया नहीं कि असफलता की दुर्बलता ने शक्ति छीन ली। प्रयास किया ही नहीं और हार मान बैठे। आज के युवक इसके सबसे बड़े शिकार बन रहे हैं। दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं, जो हर कदम पर सफलता प्राप्त करता रहा हो। हर महान व्यक्ति को भी जीवन में असफलता मिलती है। सफल व्यक्ति उसे कहेंगे, जो बार-बार असफल होने पर भी हार न माने, आगे बढ़ने के लिए कमर कसकर तैयार रहे। ऐसे कर्मठ और दृढ़ इच्छा शक्ति वाले व्यक्ति के आगे सफलताएँ स्वागत करने के लिए तैयार रहती हैं। इसीलिए किसी ने कहा है-“मन के हारे हार है, मन के जीते जीत।” कुछ भी क्यों न हो, हमें मन नहीं हारना चाहिए। निराशा को मन के दरवाजे पर ठहरने नहीं देना चाहिए।

Question 1.
निराश व्यक्ति को दुनिया कैसी दिखाई देती है?
(a) बहुत खूबसूरत
(b) अँधेरे से घिरी हुई
(c) आशाओं से भरी हुई
(d) आगे बढ़ने वाली

Answer

Answer: (b) अँधेरे से घिरी हुई।


Question 2.
असफलता की दुर्बलता…..। (वाक्य पूरा कीजिए)
(a) शक्ति छीन लेती है
(b) शक्ति प्रदान करती है
(c) ताकतवर बनाती है
(d) नया रास्ता दिखाती है

Answer

Answer: (a) शक्ति छीन लेती है।


Question 3.
सफल व्यक्ति किसे कहेंगे?
(a) जो सदा सफल होता रहे
(b) जो सफलता की बात करें
(c) जो सफलता का ही स्वागत करे
(d) जो असफल होने पर भी हार न माने

Answer

Answer: (d) जो असफल होने पर भी हार न माने।


Question 4.
“मन के हारे हार है, मन के जीते जीत” का अर्थ है
(a) मन हारता रहता है
(b) मन जीतता रहता है
(c) मन हार गया ते हार, जीत गया तो जीत होती है
(d) मन कभी हारता है, कभी जीतता रहता है

Answer

Answer: (c) मन हार गया तो हार, जीत गया तो जीत होती है।


Question 5.
उपर्युक्त अवतरण का उचित शीर्षक छाँटिए।
(a) आशा रखें
(b) निराशा से बचें
(c) सफलता का स्वागत
(d) मन की हार

Answer

Answer: (b) निराशा से बचें।


(7)

महिला आरक्षण विधेयक पर हर कोई अपने विचार व्यक्त कर रहा है। कोई इससे सहमत है तो कोई असहमत। लोकतंत्र में सबका अपना विचार हो सकता है, लेकिन इसका अर्थ यह कदापि नहीं कि हम महिलाओं का विरोध करें। जातिगत आरक्षण जैसे सुधार तो आवश्यकता होने पर बाद में भी किए जा सकते हैं। हर बार विरोध करना घोर वैचारिक पिछड़ापन है। जो दल विभिन्न आधार सुझा रहे हैं, वे अपनी पार्टी में उसको लागू करने के लिए स्वतंत्र है। बार-बार विरोध करने से नीयत पर शक होना जरूरी है। हो-हल्ला करके कई वर्षों से इस बिल को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। महिलाओं ने भी आज़ादी के लिए पुरुषों के साथ मिलकर संघर्ष किया था। क्या आज़ाद भारत में आज अपने अधिकारों के लिए उन्हें याचना करनी पड़ेगी? बेहतर होगा कि सभी दल इस दिशा में सहयोग करें और सर्वमान्य समाधान निकालें।

Question 1.
जातिगत आरक्षण क्या है?
(a) जाति के आधार पर दिया गया आरक्षण
(b) किसी भी प्रकार का आरक्षण
(c) महिलाओं का आरक्षण
(d) धर्म के आधार पर आरक्षण

Answer

Answer: (a) जाति के आधार पर दिया गया आरक्षण।


Question 2.
हर बार विरोध करने को क्या कहा गया?
(a) शोर-गुल
(b) महिलाओं का विरोध
(c) घोर वैचारिक पिछड़ापन
(d) वैचारिक स्वतंत्रता

Answer

Answer: (c) घोर वैचारिक पिछड़ापन।


Question 3.
आज़ादी के लिए महिलाओं ने क्या किया था?
(a) कुछ नहीं किया था
(b) पुरुषों के साथ मिलकर संघर्ष किया था
(c) अधिकारों के लिए याचना की थी
(d) विरोध किया था

Answer

Answer: (b) पुरुषों के साथ मिलकर संघर्ष किया था।


Question 4.
महिला आरक्षण के लिए आज की स्थिति में क्या करना चाहिए? (उचित कथन का चयन कीजिए)
(a) मिलकर विचार करें
(b) जातिगत आरक्षण दें
(c) सर्वमान्य समाधान निकालें
(d) आरक्षण को कुछ वर्षों के लिए टाल दें

Answer

Answer: (c) सर्वमान्य समाधान निकालें।


Question 5.
‘सर्वमान्य’ में समास बताएँ।
(a) तत्पुरुष समास
(b) कर्मधारय समास
(c) द्वन्द्व समास
(d) द्विगु समास

Answer

Answer: (a) तत्पुरुष समास।


 


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