MCQ Questions for Class 6 Hindi Chapter 17 साँस-साँस में बाँस with Answers
Practicing the Class 6 Hindi Vasant Chapter 17 MCQ with Answers aids students to learn all the fundamental concepts and prepare effectively for the exams. MCQ of साँस-साँस में बाँस Class 6 with Answers are prepared based on the latest exam pattern & CBSE guidelines.
Here are the links available online for Free Download of Class 6 Hindi साँस-साँस में बाँस MCQ Multiple Choice Questions with Answers PDF.
Question 1.
मछलियाँ पकड़ने वाले बाँस के जाल को क्या कहते हैं?
(a) छबड़ा
(b) टोकरी
(c) जकाई
(d) मकई
Answer
Answer: (c) जकाई
Question 2.
लोग खाली समय में क्या करते हैं?
(a) बाँस का सामान बनाते हैं
(b) घूमने जाते हैं
(c) त्यौहार मनाने की तैयारी करते हैं
(d) नाचते-गाते हैं ”
Answer
Answer: (a) बाँस का सामान बनाते हैं
Question 3.
टोकरी बनाने के लिए कैसे बाँसों को चुना जाता है?
(a) जो बहुत मोटे हों
(b) जिनकी गाँठे दूर-दूर हों
(c) जिनकी गाँठे पास-पास हों
(d) जो बहुत लंबे हों
Answer
Answer: (b) जिनकी गाँठे दूर-दूर हों
Question 4.
‘ताना’ और ‘बाना’ किससे संबंधित नाम हैं?
(a) बुआई से
(b) कटाई से
(c) सिलाई से
(d) बुनाई से
Answer
Answer: (d) बुनाई से
Question 5.
भारत में बाँस कहाँ अधिक होता है?
(a) असम
(b) नागालैंड
(c) मणिपुर व त्रिपुरा
(d) उपर्युक्त सभी जगह
Answer
Answer: (d) उपर्युक्त सभी जगह
Question 6.
बाँस इकट्ठा करने का मौसम कौन-सा है?
(a) जुलाई से अक्टूबर
(b) नवंबर एवं दिसंघर
(c) जनवरी से मार्च
(d) अप्रैल से जून
Answer
Answer: (a) जुलाई से अक्टूबर
Question 7.
जादूगर ‘चंगकी चंग लनबा’ की कब्र को खोदने से उसमें क्या विचित्र चीज मिली?
(a) बाँस की टोकरियों के डिजाइन
(b) एक सोने का कलश
(c) शिवलिंग
(d) अशर्फियों से भरा संदूक
Answer
Answer: (a) बाँस की टोकरियों के डिजाइन
Question 8.
‘साँस-साँस में बाँस’ पाठ में किस राज्य की बात की जा रही है?
(a) मणिपुर
(b) त्रिपुरा
(c) असम
(d) नागालैंड
Answer
Answer: (d) नागालैंड
गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न
(1)
जुलाई से अक्टूबर, घनघोर बारिश के महीने! यानी लोगों के पास बहुत सारा खाली वक्त या कहो आसपास के जंगलों से बाँस इकट्ठे करने का सही वक्त। आमतौर पर वे एक से तीन साल की उम्र वाले बाँस काटते हैं। बूढ़े बाँस सख्त होते हैं और टूट भी तो जाते हैं। बाँस से शाखाएँ और पत्तियाँ अलग कर दी जाती हैं। इसके बाद ऐसे बाँसों को चुना जाता है जिनमें गाँठे दूर-दूर होती हैं। दाओ यानी चौड़े, चाँद जैसी फाल वाले चाकू से इन्हें छीलकर खपच्चियाँ तैयार की जाती हैं। खपच्चियों की लंबाई पहले से ही तय कर ली जाती है। मसलन, आसन जैसी छोटी चीजें बनाने के लिए बाँस को हरेक गठान से काटा जाता है। लेकिन टोकरी बनाने के लिए हो सकता है कि दो, तीन या चार गठानों वाली लंबी खपच्चियाँ काटी जाएँ। यानी कहाँ से काटा जाएगा यह टोकरी की लंबाई पर निर्भर करता है।
आमतौर पर खपच्चियों की चौड़ाई एक इंच से ज्यादा नहीं होती है। चौड़ी खपच्चियाँ किसी काम की नहीं होतीं। इन्हें चीरकर पतली खपच्चियाँ बनाई जाती हैं। पतली खपच्चियाँ लचीली होती हैं। खपच्चियाँ चीरना उस्तादी का काम है। हाथों की कलाकारी के बिना खपच्चियों की मोटाई बराबर बनाए रखना आसान नहीं। इस हुनर को
पाने में काफ़ी समय लगता है।
Question 1.
बाँस की चीजें किन महीनों में सर्वाधिक बनती हैं?
(a) जुलाई से अक्टूबर
(b) नवंबर व दिसंबर
(c) जनवरी व फरवरी
(d) मार्च से जून
Answer
Answer: (a) जुलाई से अक्टूबर।
Question 2.
बाँस की चीजें बनाने के लिए एक से तीन साल का बाँस क्यों काटा जाता है?
(a) यह पक्का बाँस होता है
(b) इस उम्र में काटा गया बाँस फिर से उग आता है
(c) यह लचीला होता है
(d) यह कठोर हो जाता है
Answer
Answer: (c) यह लचीला होता है।
Question 3.
बाँस को चीरकर क्या बनाया जाता है?
(a) खपच्चियाँ
(b) पोरियाँ
(c) डंडे
(d) छोटे-छोटे टुकड़े
Answer
Answer: (a) खपच्चियाँ।
Question 4.
खपच्चियों की चौड़ाई कितनी होती है?
(a) एक इंच
(b) दो इंच
(c) दो इंच से कम
(d) एक इंच से कम
Answer
Answer: (a) एक इंच।
Question 5.
हुनर का क्या अर्थ है?
(a) बाँस
(b) मजदूर
(c) कला
(d) सुंदर
Answer
Answer: (c) कला।
(2)
टोकरी बनाने से पहले खपच्चियों को चिकना बनाना बहुत ज़रूरी है। यहाँ फिर दाओ काम आता है। खपच्ची बाएँ हाथ में होती है और दाओ दाएँ हाथ में। दाओ का धारदार सिरा खपच्ची को दबाए रहता है जबकि तर्जनी दाओ के एकदम नीचे होती है। इस स्थिति में बाएँ हाथ से खपच्ची को बाहर की ओर खींचा जाता है। इस दौरान दायाँ अँगूठा दाओ को अंदर की ओर दबाता है और दाओ खपच्ची पर दबाव बनाते हुए घिसाई करता है। जब तक खपच्ची एकदम चिकनी नहीं हो जाती, यह प्रक्रिया दोहराई जाती है। इसके बाद होती है खपच्चियों की रंगाई। इसके लिए ज्यादातर गुड़हल, इमली की पत्तियों आदि का उपयोग किया जाता है। काले रंग के लिए उन्हें आम की छाल में लपेटकर कुछ दिनों के लिए मिट्टी में दबाकर रखा जाता है।
Question 1.
टोकरी बनाने से पहले क्या करना जरूरी है?
(a) बाँस को काटना
(b) उसके टुकड़े-टुकड़े करना
(c) कारीगर को बुलाना
(d) खपच्चियों को चिकना बनाना
Answer
Answer: (d) खपच्चियों को चिकना बनाना।
Question 2.
‘दाओ’ किसे कहते हैं?
(a) छोटे चाकू को
(b) बड़े धारदार हथियार को जिससे बाँस को छीला जाता है
(c) दाँव लगाने को
(d) दबाने को
Answer
Answer: (b) बड़े धारदार हथियार को जिससे बाँस को छीला जाता है
बड़े धारदार हथियार को जिससे बाँस की खपच्चियों को चिकना बनाया जाता है।
Question 3.
खपच्चियों को चिकना बनाने के बाद क्या होता है?
(a) उनको छोटा करना
(b) उनसे टोकरी बनाना
(c) उनको रंगना पड़ता है
(d) उनको आँच दिखाना
Answer
Answer: (c) उनको रंगना पड़ता है।
Question 4.
खपच्चियों को किससे रंगा जाता है?
(a) लाल रंग से
(b) पीले रंग से
(c) गुड़हल के फूलों से
(d) गुड़हल के फूलों व इमली की पत्तियों से
Answer
Answer: (d) गुड़हल के फूलों व इमली की पत्तियों से।
Question 5.
खपच्चियों को काला करने के लिए क्या करते हैं?
(a) उन्हें काला रंग लगाते हैं
(b) उन्हें धूप में रख देते हैं
(c) आम की छाल में लपेटकर मिट्टी में दबा देते हैं
(d) पानी में डाल देते हैं
Answer
Answer: (c) आम की छाल में लपेटकर मिट्टी में दबा देते हैं
आम की छाल में लपेटकर मिट्टी में दबाया जाता है।
0 Comments