Britain: भारतीयों के खिलाफ ही बोलकर मंत्री पद गंवाने वालीं Suella Braverman का जानें इंडिया कनेक्शन

गोवा और तमिल विरासत से संबंध रखने वाली ब्रेवरमैन के माता-पिता भारतीय मूल के हैं, जो 1960 के दशक में ब्रिटेन आकर बस गए थे. उनके पिता क्रिस्टी फर्नांडिस मूल रूप से गोवा के निवासी थे, जबकि मां उमा हिंदू तमिल परिवार से ताल्लुक रखती हैं. ब्रेवरमैन बौद्ध अनुयायी हैं, जो नियमित तौर पर लंदन के बौद्ध केंद्र में जाती हैं.

ब्रिटेन की नई लिज ट्रस सरकार गठन के बाद से ही लगातार विवादों में बनी हुई है. महंगाई, बेरोजगारी और ऊर्जा की बढ़ी कीमतों ने सरकार की परेशानी और बढ़ा दी है. हाल ही में ब्रिटेन के वित्त मंत्री क्वासी क्वार्टेंग को पद से हटा दिया गया था, जिसके बाद अब गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने पद से इस्तीफा दे दिया है. इस तरह बीते एक हफ्ते में ट्रस सरकार से दो मंत्री की रवानगी हुई है.

लेकिन ब्रेवरमैन का इस्तीफा खासा चर्चा में है. इसकी वजह उनका खुद भारतीय मूल का होते हुए ब्रिटेन आने वाले प्रवासियों विशेष रूप से भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या का विरोध करना था.

ब्रेवरमैन पर निजी ईमेल से एक सांसद को सरकारी दस्तावेज भेजने का आरोप लगा था, जिसे नियमों का उल्लंघन बताया गया था. इसके बाद ब्रेवरमैन ने आधिकारिक तौर पर बयान जारी कर बताया कि उनसे गलती हुई है, वह इसकी जिम्मेदारी लेती हैं और पद से इस्तीफा दे रही हैं.

कौन हैं सुएला ब्रेवरमैन?

सुएला भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक हैं. गोवा और तमिल विरासत से संबंध रखने वाली ब्रेवरमैन के माता-पिता भारतीय मूल के हैं, जो 1960 के दशक में ब्रिटेन आकर बस गए थे. उनके पिता क्रिस्टी फर्नांडिस मूल रूप से गोवा के निवासी थे, जबकि मां उमा हिंदू तमिल परिवार से ताल्लुक रखती हैं. सुएला का जन्म 3 अप्रैल 1980 को लंदन में हुआ था. वह वेम्बले में पली-बढ़ीं, इसलिए वह जन्म से ब्रिटिश नागरिक हैं.

सुएला की स्कूली शिक्षा लंदन के हीथफील्ड स्कूल से हुई. उन्होंने बाद में कैम्ब्रिज के क्वींस कॉलेज से वकालत पढ़ी. कंजरवेटिव नेता और वकील 42 साल की ब्रेवरमैन 2015 में फेयरहैम से सांसद चुनी गई थीं. उन्होंने थेरेसा मे की सरकार के तहत ब्रेग्जिट (यूरोप से ब्रिटेन से अलग होने) का पुरजोर समर्थन किया था. वह थेरेसा सरकार में जूनियर मंत्री पद पर थीं. वह 2018 में शिक्षा चुनाव समिति की सदस्य भी रहीं.

वह 2020 से 2022 तक इंग्लैंड और वेल्स की अटॉर्नी जनरल रहीं. ब्रेवरमैन उन नेताओं में भी शामिल थी, जिन्होंने बोरिस जॉनसन को पद से हटाने के लिए मोर्चा खोला था. वह बोरिस जॉनसन के बाद प्रधानमंत्री पद की दौड़ में भी थीं लेकिन दूसरे ही दौर में बाहर हो गई थीं. उन्हें सितंबर में ट्रस सरकार में गृह मंत्री नियुक्त किया गया था.

ब्रेवरमैन बौद्ध अनुयायी

ब्रेवरमैन बौद्ध अनुयायी हैं, जो नियमित तौर पर लंदन के बौद्ध केंद्र में जाती हैं. उन्होंने संसद में भगवान बुद्ध के उपदेशों के ‘धम्मपद’ ग्रंथ पर शपथ भी ली थी.

सुएला ने 2018 में रायल ब्रेवरमैन से शादी की. वह दो बच्चों की मां हैं. सुएला की तरह उनकी मां की भी राजनीति में रूचि थी. उनकी मां पेशे से नर्स थीं.

ब्रिटेन में शरण लेने वालों को रवांडा भेजने का जिम्मा संभाला था

ब्रेवरमैन शुरुआत से ही प्रवासियों को लेकर मोर्चा खोले हुए थीं. उन्हें ब्रिटेन में शरण लेने वालों को रवांडा भेजने की सरकारी योजना का जिम्मा सौंपा गया था. ब्रिटेन सरकार की इस नीति को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.

ब्रेवरमैन ने नेता के तौर पर हमेशा ब्रिटिश उपनिवेशवाद का बचाव किया और प्रवासियों को लेकर कड़ा रुख अपनाया. वह ब्रिटेन आने वाले प्रवासियों को रवांडा भेजने के फैसले का भी समर्थन करती रहीं. वह समय-समय पर प्रवासियों पर निशाना साधती रही हैं.

इंडिया-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के बाद लेस्टर में हुई हिंसा के लिए ब्रेवरमैन ने अनियंत्रित हो रही प्रवासियों की भीड़ को जिम्मेदार ठहराया था.

भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बयान से आलोचना में घिरीं

ब्रेवरमैन ने अक्टूबर की शुरुआत में एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें डर है कि भारत के साथ ब्रिटेन का मुक्त व्यापार समझौता होने से ब्रिटेन में प्रवासियों की संख्या बढ़ेगी.

उन्होंने कहा था कि कई भारतीय प्रवासी वीजा की अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी ब्रिटेन में ही रहते हैं. ब्रिटिश लोगों ने ब्रेग्जिट से हटने के लिए इसलिए वोट नहीं दिया था कि भारतीयों के लिए ब्रिटेन की सीमा इस तरह से खोल दिया जाए.

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